यूपी को सोलर एनर्जी से सजोने की तैयारी में सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने रिन्यूएवल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट एण्ड एक्सपो इन्वेस्ट-2020 में बताया किस तरह यूपी रिन्यूएबल एनर्जी की तरफ भड़ रहा है।
गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को रिन्यूएवल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट ऐण्ड एक्सपो इन्वेस्ट-2020 (थर्ड आरई इन्वेस्ट) को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए सम्बोधित करते हुए कहा है कि ऊर्जा की खपत और उत्पादन विकास का मुख्य आधार है।
इस कॉन्फरेंस में मुख्यमंत्री ने बताया की किस तरह उत्तर प्रदेश में निजी भागेदारी बड़ी है। निजी विकासकर्ताओं के द्वारा अभी तक 969 MW की यूटिलिटी और सोलर प्रोजेक्ट्स की स्थापना की गयी है। व्यक्तिगत उपयोग के लिए सोलर पावर परियोजनाओं की स्थापना एवं सोलर पावर पार्क के विकास का प्रावधान भी उत्तर प्रदेश सरकार ने किया है। इस नीति में 2022 तक 10,700 MW के सोलर प्रोजेक्ट्स का लक्ष्य निर्धारित किया है।
इस परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए सरकार भूमि पर 100 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी की छूट दी है। इसी तरह इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में 10 वर्ष के लिए 100% छूट भी दी गयी है। पर्यावरण क्लीयरेंस के लिए थर्ड पार्टी को पावर सेल अनुमान्य किया गया है, जिसमें इंट्रा-स्टेट ट्रांसमिशन चार्जेज पर 50 % तथा इंटर-स्टेट पर 100 % तक छूट दिए जाने का प्रावधान भी है।
मुझे पूर्ण विश्वास है कि आदरणीय PM श्री @narendramodi जी के मार्गदर्शन में जिस विश्वास के साथ ऊर्जा मंत्रालय ने #3rdREINVEST समिट का आयोजन किया है वह निश्चित ही अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेगा।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 27, 2020
निःसंदेह ऊर्जा के क्षेत्र में हमारा देश आत्मनिर्भरता के नए प्रतिमान स्थापित करेगा। https://t.co/YPq7Gn8k0v
मुख्यमंत्री ने कहा कि बुन्देलखण्ड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में सोलर परियोजना के ग्रिड संयोजन के लिए पारेषण लाइन का व्यय सरकार वहन कर रही है। 05 से 10 मेगावाट पर 10 किमी, 10 से 15 मेगावाट पर 15 किमी और 50 मेगावाट से अधिक पर 30 किमी पारेषण लाइन का व्यय सरकार वहन करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सौर विद्युत परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए के उद्देश्य से 4,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के निर्माण का प्रस्ताव किया गया है। इस कॉरिडोर में उत्पादक ऊर्जा की निकासी के लिए पारेषण तंत्र के विकास पर लगभग 5500 करोड़ रुपये खर्च करने की खर्च करने की संभावना है। इसी परियोजना के तहत झाँसी और ललितपुर में 600 MW क्षमता के सोलर पावर प्लांट लगाए जायेंगे।
Source:- पत्रिका